"कुछ लोग सोचते हे हक़ीक़त बदल गयी"
उल्फत बदल गयी,
कभी नियत बदल गयी।
खुदगर्ज़ जब हुए,
तो फिर सीरत बदल गयी।
अपना कसूर,
दूसरों के सर पे डाल कर।
कुछ लोग सोचते हे,
हक़ीक़त बदल गयी।
कभी नियत बदल गयी।
खुदगर्ज़ जब हुए,
तो फिर सीरत बदल गयी।
अपना कसूर,
दूसरों के सर पे डाल कर।
कुछ लोग सोचते हे,
हक़ीक़त बदल गयी।
Nice Lines
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteAre gazab
ReplyDeleteNiceeee
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